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<poem>
दूर से बातें करो अब वो विधायक है
कम मुलाकाते करो अब वो विधायक है।
खुद अँधेरे में रहो उसके लिए लेकिन
चॉदनी रातें करो अब वो विधायक है।
 
नोट की माला पिन्हाओ, थैलियाँ लाओ
धन की बरसातें करो अब वो विधायक है।
 
जन्मदिन उसका मनाओ खुद रहो भूखे
भेट सौगातें करो अब वो विधायक है।
</poem>
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