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ग़ज़ल ऐसी कहो जिससे कि मिट्टी की महक आये / डी. एम. मिश्र
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16:56, 3 जनवरी 2017
भरे जोबन तेरा गोरी तो शाख़ों में लचक आये।
नज़र में ख़्वाब वो ढालो कि उड़कर आसमाँ छू
लंे
लें
जलाओ वो दिये जिनसे सितारों में चमक आये।
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