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गळगचिया (35) / कन्हैया लाल सेठिया
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09:01, 17 मार्च 2017
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बीज जमीन नै ध्यावै'र रूँख आभै नै, ई खींचताण में फळ रा धणी-दूजा ही बण ज्यावै।
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आशीष पुरोहित
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