Changes

}}
महिला वर्ष के दौरान <br>रात के बारह बजे <br>जुए के मन्दिर में <br>पकड़कर पति के कान <br>पत्नी बोली - "वाह श्रीमान!<br>घर में चूहे डंड पेल रहे हैं <br>और आप यहां बैठे-बैठे<br>जुआ खेल रहे हैं<br>यही हाल रहा तो एक दिन <br>जान पर खेल जाओगे <br>घर-द्वार दांव पर लगाकर <br>जेल जाओगे|"<br><br>
पति व्हाईट हाँर्स पर सवार था <br>उतरते हुए बोला -<br>तुमने भी उपदेश देने का<br> कौन सा मुहूर्त चुना है <br>अरे, धर्मराज युधिष्ठिर का नाम सुना है<br>जुए में राज पाट<br>दांव पर लगाकर <br>वन सिधार गए थे <br>अपनी पत्नी <br>द्रौपदी तक को हार गए थे| "<br>जो चुपचाप दांव पर लग जाउंगी<br>तुम जैसे धर्मराज को<br> तलाक देकर<br>किसी दुर्योधन के साथ भग जाउंगी|