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नवरात / माधवी चौधरी
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बडा
बडोॅ
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बडा
बडोॅ
पंडाल सेॅ, सजलौ छै परिवेश।
दुर्गापूजा अंग केॅ, छै त्योहार विशेष।।
गोड़ लगै छौं 'माधवी' करो नमन स्वीकार।
भवसागर सेॅ प्राण केॅ, माय लगाबो पार।।
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poem>
poe
Rahul Shivay
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