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जो बीत गई सो बात गयी / हरिवंशराय बच्चन
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11:29, 22 जून 2008
अंबर के आंगन को देखो<br>
कितने इसके तारे टूटे<br>
कितनी
कितने
इसके प्यारे छूटे<br>
जो छूट गये फ़िर कहां मिले<br>
पर बोलो टूटे तारों पर<br>
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