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07:13, 11 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गौरीशंकर
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-2 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
थारी अधपकी
सी ओळयूं आई
खेत में ...
म्हूं खेत में बड़ी
कीकरड़ी रै बांथ भरली
सांची में।
</poem>
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