540 bytes added,
12:27, 11 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्रसिंह चारण
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-2 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
पाल्लो काटतां
मिनख नै बीं’रो छोरो
भोलावण दीवी
बाबा ध्यान राखजै
आजकल अठै
सोप-गोइरा
सागै फिरै है।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader