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16:38, 12 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
कूड़ां मैं सूं एक कूड़ो
अर चोरां मैं सूं एक चोर ही
छांटणो पड़सी भाई
मजबूरी है -
रै!
संविधान रो रोजणो रो‘र
मसीनड़ी पर आंगळी
टेक्यां ई जासी
कै निसर‘र बौर
नांमरदी रै खोळ सूं
चढ़ कानून री छाती माथै
कोई हाको भी करसी कणा ?
</poem>
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