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16:44, 12 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
मौत
म्हारै सिरहाणैं
ऊबी होवै चाए
म्हैं मौत रै सिरहाणैं-
जीत बीं री
जको
जीतणैं री धारै।
</poem>
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