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03:19, 14 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मनोज देपावत
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
मा रा आंसू
बाप रो दूलार
भाई री हिम्मत
बैन रो प्यार
बेवा री चूड़्यां
बेटै रो हेत
सुनसान गळ्यां
सूखा सा खेत
उजाड़ सो घर
वीरान सो गांव
बिलखता बेली
टोहता परसंगी
सारो कुछ छोड़ ज्यावै है
लारै?
जद हुवै शहीद
मोट्यार हिन्दुस्तान रो।
</poem>
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