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एक बार होना चाहिए / आनंद कुमार द्विवेदी
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15:50, 17 जून 2017
ऐसे लम्हों पे तो बस, धिक्कार होना चाहिए !
जिंदगी
ज़िंदगी
तुझसे कभी कुछ, और मांगूंगा नही
जिस तरह भी हो, विसाल-ए-यार होना चाहिए
Anupama Pathak
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