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अब बुलाऊँ भी तुम्हें...!!<br><br>
एक भी अरमान रह जाए न मन में,<br>
औ, न मचे बचे एक भी आँसू नयन में,<br>
इसलिए जब मैं मरूं तब तुम घृणा से<br>
एक ठोकर लाश में मेरी लगाना!<br>
अब बुलाऊँ भी तुम्हें...!! <br>
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