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17:15, 27 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=हनुमान प्रसाद बिरकाळी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-6 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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<poem>
पंखेरू
फडफ़ड़ाई पांख्यां
मींची आंख्यां
भजायो डर
जद ई आयो
आभै उडणों
जणांई तो
उडग्यो फुर्र।
</poem>
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