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19:13, 27 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मनमीत सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-7 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
मा चुप हो ज्यावै
जद देखै असर
बातां में म्हारै बाप रो
ओ सनमान है
कै डर है
म्हैं आज ताणी
समझ नीं सक्यो...।
</poem>
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