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11:03, 28 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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<poem>
डागळै माथै
उडता किन्ना
लड़ता पेच
कटता किन्ना
देख हांसी
पगां कूद-कूद
बजाई ताळी
बापू दी दाकल
मा लढकाई
बीरो हाल नीं बोलै
इण बात पर!
</poem>
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