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02:09, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
मा
कदी नीं गई
इस्कूल
पण
पढल्यै
गीता, रामायण
हड़मान चाळीसौ
अर
सगळै भगवानां री
आरत्यां
मा
बतावै
कै
बा
बरतन मांजती टैम ई
पढ-लिख लेंवती
सगळा आँक
उण टैम
कुण पढांवतौ
छोरियां नै
थाळी
हुंवती पाटी
अर
आँगळी बणती
बरतौ।
</poem>