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02:24, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
कद खेलै टाबर
कद बात करै
कद टीवी चलावै
अर कद रमै विडियोगेम साथै
होमवर्क करतां - करतांईं
आज्यै नींद
नींद में ईं लेवै
रोट्यां रा
दो-च्यार गासिया
ठा नीं
दूध कद प्यावै मा
दिनुगै
भळै बा'इज भाजमभाज
कठै गई जराबां
अर किन्नै गयौ बैळ्ट
कित्ती चटकै
आज्यै बस भी
इस्कूल सूं
घर
अर घर सूं इस्कूल
के जिनगी है
टाबरां री।
</poem>
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