Changes

टाबर - 4 / दीनदयाल शर्मा

830 bytes added, 02:26, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
खेलणियौ तोड़तांईं
पड़ै
टाबरां रै थाप
अर सुणणी पड़ै
बानै
उळ्टी-सीधी झिड़क्यां
मा-बाप री

कै इत्तौ
मूंगौ खेलणियौ
तोड़ दियौ
ल्यांवतांईं

खेलणियै सारू
टाबरां री
अबूझ आडी नै
कुण सुळझा सी

उतर'र
आ सी कांईं
आभै सूं
कोई औतार।

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits