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02:49, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
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<poem>
गोळी, टॉफी,
चॉकलेट
या कुल्फी सूं
हुज्यै
टाबर राजी
सैंकल
या इस्कूटर माथै
थोड़सोक हिण्डा द्यौ
तद भी
टाबर राजी
आपां
क्यूं नीं सीखां
टाबर सूं
राजी रैवण रौ
राज।
</poem>