690 bytes added,
03:02, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
आपां
संवेदनशील कम
अर स्वार्थी घणां दिसां
जदी
बडी-बडी दुर्घटना रा समचार
चा री चुसक्यां बिचाळै
पढता-पढता ई
पासै राखद्यां अखबार
अर कैह्वां
आज चा कित्ती स्वाद बणी है।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader