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05:20, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
जवानी में
मा अर बापू
टाबरां सूं
बात नीं करै
तद टाबर
आपरै जवानपणै में
मा-बापू सूं
बात नीं करै
इण में
आपां
टाबरां नै
नीं कै' सकां
कसूरवार
क्यूं कै
टाबर तो
आपरी
परम्परा निभावै।
</poem>
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