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05:36, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
कागद आणा
बंद हुयग्या
कागद जाणा
बंद हुयग्या
अबै कुण राखसी
कागदां नै
संभाळ'र
कागद
अबै म्यूजियम री
चीज बणग्या
अबै लागै
कागद अडीकसी
मिनख नै।
</poem>
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