661 bytes added,
05:42, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
टाबर बणावै
माटी में घर
टाबर बणावै
कागदां में घर
टाबर बिछावणा में भी
बणावै घर
बणावै
अर ढोहदे
टाबर नै कांई ठाह
के होवै घर
पण
टाबरां बिना
नीं हुवै घर।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader