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06:31, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
मिनख
दूजै री
कमजोर्यां सुणण सारू
कान माण्डै
अर खुद
कांईं ठाह
कठै-कठै हाँडै।
</poem>
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