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06:54, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
भेंट सूं
बेसी हुवै
भेंट देण रौ
ढंग
अर ढंग
देह सूं उपजै
बजार में
नीं मिलै मोल।
</poem>
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