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11:17, 8 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ॠतुप्रिया
|अनुवादक=
|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
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<poem>
पुण्य रौ चाँद
बधतौ - बधतौ
पून्यूं तांईं
बडौ होयर
चमकै आभै में
अर
पाप रौ चाँद
घटतौ-घटतो
अेक दिन
करद्यै अंधारौ।
</poem>
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