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11:19, 8 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ॠतुप्रिया
|अनुवादक=
|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
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<poem>
पाणी सूक्यां
आज्यै
पोकर में तरेड़
सूकणौ नीं चाइजै पोकर
भौत जरूरी है
पोकर में
पाणी रौ हुवणौ।
</poem>
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