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11:25, 8 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ॠतुप्रिया
|अनुवादक=
|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
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<poem>
हात री लेणां
दरसावै
कै
थूं बणसी
भौत बडौ
अफसर
उणी दिन
सोग्यौ ओढ’र
सोड़
अबै फिरै
ठोड़-ठोड़।
</poem>
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