665 bytes added,
11:41, 8 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ॠतुप्रिया
|अनुवादक=
|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अेक काट’र
पांच लगायां
कुण सा पाप
धुपज्यै
हित्या तो हित्या है
अेक माणस सनै
मार’र
पांच जामण सूं
किस्या पाप धुपै
जीव तो जीव है
रूंख अर मिनख में
कद मिटसी फरक।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader