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गाँवों का उत्थान देखकर आया हूँ / डी. एम. मिश्र
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10:15, 19 अगस्त 2017
<poem>
गाँवों का उत्थान देखकर आया हूँ
मुखिया
की
का
दालान देखकर आया हूँ।
मनरेगा की कहाँ मजूरी चली गई
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