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<poem>
करो जो जी में आये कौन किसको रोकता है।है
बडे आराम से वो क़त्ल करके घूमता है।
बदल देगा वो सारा फैसला ही देखना कल,
उसे मालूम है जज भी तो पैसा सूँघता है।
दिया चेतावनी है मंत्री के एक गुर्गे ने,
लगेगा दो तमाचा भ्रष्ट किसको बोलता है।
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