Changes

इज़्ज़तपुरम्-44 / डी. एम. मिश्र

874 bytes added, 11:38, 18 सितम्बर 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मर गयीं कलायें
चले गये कद्रदान

घुँघरूओं के बोल पर
रियासतें चढ़ जातीं
हवेलियाँ/लग्न-मण्डप
टूट-टूट पड़ते

बरसते
खूबसूरती पर
दौलत के ढेर

इमारतें बुंलंद थीं
खण्डहर अवशेष
सुन्दर-सुनहरी ईंटें
दब गयीं मलवे में
काँटों के पेड़ उगे
ठंडी सड़क
खोखली
बर्फीली
घुंध में
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits