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|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
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<poem>
मैडम शकुन्तला
मिस रोजी ग्रुप की
नयी कालगर्लों
को तरक्की का पाठ
पढ़ाती है
कालरात्रि में
दस-बीस करोड़ जोड़ो
और छोड़ो ये बस्ती
इज़्ज़तपुरम्
न्यू कालोनी में चलकर
बँगला खरीदें
राजनीति में जमाये पैर
मंत्री बने
देश का चित्र और
चरित्र बदलें
इज़्ज़त से करें लूटपाट
इतिहास के पन्ने् पलट कर देख लो
हम से पहले हमारी बिरादारी के अब तक कितने लोग कहॉ से कहॉ पहॅुच चुके हैं
</poem>