गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
इज़्ज़तपुरम्-90 / डी. एम. मिश्र
864 bytes added
,
12:10, 18 सितम्बर 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
हे ईश्वर
कशमकश से उबार
डूबकर मरूँ तो
डर है
सारे समन्दर में
‘एड्स’ हो घुल जाये
कटकर मरूँ तो
डर है
सम्पूण जंगल में
‘एड्स’ फैल जाये
जलकर मरूँ तो
डर है
पूरे वातावरण में
‘एड्स’-‘एड्स’ हो जाये
जो मेरी आत्मा
कभी नहीं चाहती
कोई और निर्दोष
‘भुक्तभेागी’ हो क्यों?
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits