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समय / गुरेश मोहन घोष
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13:28, 18 सितम्बर 2017
{{KKCatKavita}}
<poem>
तों के?
कहै छेलियै-
हमें कवि
की करै छोॅ
डालडा में रेपसीड तेॅ नै छौं
?
कविता लिखै छी।
कहै छियै-
कथी के?
धरती के।
कहाँ
रेपसीड
में
डालडा तेॅ नै छौं
?
सरंगोॅं में।
</poem>
Rahul Shivay
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