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मैं इस उम्मीद पे डूबा कि तू बचा लेगा / वसीम बरेलवी
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13:22, 24 जून 2008
मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे<br>
सुनेगा तो लकीरें हाथ की अपनी वो सब जला लेगा
<br><br>
हज़ार तोड़ के आ जाऊं उस से रिश्ता वसीम
<br>
मैं जानता हूँ वो जब चाहेगा बुला लेगा
Pratishtha
KKSahayogi,
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