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14:03, 26 दिसम्बर 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=इंदुशेखर तत्पुरुष
|अनुवादक=
|संग्रह=पीठ पर आँख / इंदुशेखर तत्पुरुष
}}
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<poem>
खोजते-खोजते
थम जाती दृष्टियां
नहीं पाती
उसका पता
ढूंढ वह लेता मगर
उन थकी-हारी दृष्टियों को
सूक्ष्म से सूक्ष्म परतों के
अन्दर देख लेने वाला
सर्वज्ञ वह है।
(कुरआन, सूरा-6, आयत-104 का भावान्तरण)
</poem>