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आलिंगन में प्रिय/ कविता भट्ट
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तेरी तस्वीर कभी
8
मन का कोना
उदीप्त-सुवासित
प्रिय प्रेम से !
इत्र नहीं, कपूर;पूजा के दीपक-सा
प्रिय प्रेम तुम्हारा।
।
-0-
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वीरबाला
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