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बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी
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12:23, 3 मार्च 2018
<poem>
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे
ए
ऐ
ज़िन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं।
मेरी नजरें भी ऐसे काफ़िरों की जान ओ ईमाँ हैं
Abhishek Amber
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