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निर्णायक मोड़ / हंस आइषहॉर्न
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06:47, 6 मार्च 2018
जलमार्ग में लगे संकेत-चिह्नों की, कौवों की, काँय-काँय की,
अखरोट के पेड़ की डाली की, गला घुटने की और
लिखने और चीखने की, बहुत हुआ निर्णायक मोड़।
(मूल जर्मन कविता "Endlich die Krähe..." का अनुवाद: '''अमृत मेहता''')
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Sumitkumar
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