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बदल रहा है गाँव हमारा / गरिमा सक्सेना
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14:00, 8 मार्च 2018
बदल रहा है गाँव हमारा
जबसे मॉल खुला है तबसे
झाल-चाट को छोड़ सभी अब
पिजा-बरगर लगे हैं खाने
धीरे-धीरे बंद हो रही
झाल-चाट
लोकगीत
की
सभी दुकानें
धुन बिसराई
लगे गूँजने फिल्मी गाने
सेंडिल, बूट पहनने वाला
हुआ आधुनिक पाँव हमारा
Rahul Shivay
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