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बसंती हवा / केदारनाथ अग्रवाल
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02:58, 9 मार्च 2018
अनोखी हवा हूँ।
बड़ी बावली हूँ,
बड़ी
मस्त्मौला।
मस्तमौला।
नहीं कुछ फिकर है,
बड़ी ही निडर हूँ।
Abhishek Amber
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