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05:28, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
थूं
कियां मांगै
खेत अर घर में
पांती
तन्नै
पतौ हुवणौ चइजै
कै
थूं मर्योड़ौ है
म्हारै कन्नै
सबूत है
थारै मरणै रौ
कागत बणायोड़ा है पक्का
अर बौ'
हक्कौ - बक्कौ
संस्कारां में
रच्योड़ौ - बस्योड़ौ
सबूत नीं देय सक्यौ
खुद रै जीणै रौ
अर मां जायौ भाई
खायग्यौ भाई री पांती।
</poem>
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