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05:59, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
घणकरा सा मिनख
गळत नै गळत
अर
सई' नै सई'
नीं कैवै
कियां सुधरसी समाज
क्यूंकै
समाज में
'सुगर कोटेड' मिनखां रौ
हुर्यौ है बधेपौ।
</poem>
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