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06:30, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
थूं
क्यूं रोवै
थारी गरीबी नै
अर
क्यूं कोसै
आपरै बडेरां नै
थूं
खुद है जिम्मेदार
आपरी गरीबी रौ
थूं
क्यूं गावै रोजिना
औ' राग
अब तो जाग
खुलसी भाग।
</poem>
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