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07:05, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
गोळमाल
जुबान सूं
चोखौ है
साफ नटणौ
अेकर हुयसी
दुख
पण
अेक ननो
सौ सुख।
</poem>
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