Changes

बड़लौ / मीठेश निर्मोही

1,259 bytes added, 07:41, 1 अप्रैल 2018
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]] |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
लडावण सारू लाड
उडीकतौ हौ
साखां हंदी
किरणां
पसार!

छतर-छांवळी
पूगतां ई
अलेखूं
पींपियां रै मिस
मुळकतौ हौ
थूं।

डाळै-डाळै डुळाय
अंवळी रमाय
भर-भर बाथां
जगावतौ हौ
अणहद उमाव
म्हारै मांय।

अबै जद भण-भणाय
स्हैर सूं बावड़ियां
थारौ खत पंपोळ
थारै ई खांदोळयै चढ
अंवळी रमण नै
उतावळौ हूं
म्हैं

म्हारै इण अपरोगै बणाव रौ
इतरौ अभरोसौ
क्यूं ?
कांई म्हैं
म्हारै ई
हाथां
म्हारा ई
सपना
बाढूंला ?

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits