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09:45, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
खोस लेसी
थारै सूं
थारौ
मांन-गुमांन
डील सूं
उतार लेसी
धोतियौ
अर
माथै सूं
पोतियौ।
बणाय छोडसी
सागड़ी हाकै-धाकै
अै अेलकार
बटमारां रा
बटमार।
</poem>
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