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14:49, 3 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
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<poem>
चिडक़ली रै बचियै नै
जणां खायग्यौ साँप
तद
माँ री ममता
धर चंडी रौ रूप
मार नाख्यौ साँप नै
ममता री सगती
कुण जाणै
नां हूं जाणूं
नां थूं जाणै
जिकौ ममता नै जाणसी
बौइज इणनै पिछाणसी।
</poem>
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